संवाद
खेतों में पसीना बहाने वाले किसानों को जब भी अपनी पीड़ा समझाने के लिए आँकड़ों की कमी पड़ती है तो उन्हें सहारा देते हैं...
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खेतों में पसीना बहाने वाले किसानों को जब भी अपनी पीड़ा समझाने के लिए आँकड़ों की कमी पड़ती है तो उन्हें सहारा देते हैं...