लखीमपुर हिंसा में पत्रकार रमन कश्यप को किसानों द्वारा पीट-पीटकर मारने के दावों को मृतक के पिता ने खारिज कर दिया है। वे बार-बार अपने बेटे की मौत के लिए किसानों को रौंदने वाली गाड़ियों से टक्कर और गोली लगने को वजह बता रहे हैं। रमन के भाई पवन कश्यप का कहना है कि कई पत्रकार उन पर रमन की मौत के लिए किसानों को जिम्मेदार ठहराने का दबाव बना रहे हैं। जबरन अपनी बात उनसे कहलवाना चाहते हैं। दूसरी तरफ प्रशासन ने कल दोपहर तक न तो रमन की पोस्टमार्टम रिपोर्ट परिजनों को दी थी और न ही उनकी शिकायत के बाद एफआईआर की कॉपी उन्हें मिली थी।
रमन के पिता राम आसरे कश्यप ने असलीभारत.कॉम को बताया है कि उनके बेटे की मौत तिकुनिया में किसानों को रौंदने वाली गाड़ियों की टक्कर से हुई थी। उसकी दायीं बांह में गोली लगने जैसा धाव था। मृतक पत्रकार के परिजनों के इन दावों के बावजूद उन्हें प्रदर्शनकारियों द्वारा पीट-पीटकर मार डालने का प्रोपगैंडा खूब फैलाया जा रहा है। मृतक परिवार के परिजनों पर भी इस झूठ को हवा देने का दबाव है।
लखीमपुर खीरी हिंसा में ABP न्यूज़ के पत्रकार रमन कश्यप की भी मौत हो गई है। आरोप है कि 'किसान प्रदर्शनकारियों' ने उन्हें पीट-पीट कर मार डाला।https://t.co/ldCYFZWE26
— ऑपइंडिया (@OpIndia_in) October 4, 2021
गत रविवार 3 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में प्रदर्शनकारी किसानों को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ की गाड़ियों से कुचलने और उसके बाद भड़की हिंसा में चार किसानों समेत कुल 8 लोग मारे गए थे। आंदोलनकारी किसानों ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पर किसानों को रौंदते हुए फायरिंग कर भागने का आरोप लगाया है।
इस घटना के बाद केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ने पत्रकार रमन कश्यप को भी अपना कार्यकर्ता बताते हुए तीन भाजपा कार्यकर्ताओं और एक ड्राइवर की मौत का दावा किया था। लेकिन इस दावे की पुष्टि किए बिना समाचार एजेंसियों और न्यूज चैनलों ने इसे सच मानकर खबरें चलाई थी।
MoS Home Ajay Kumar Mishra to PTI: 3 BJP members, 1 driver beaten to death by some "elements in farmers' protest" in UP's Lakhimpur Kehri
— Press Trust of India (@PTI_News) October 3, 2021
रविवार रात जब शवों की शिनाख्त हुई तो पता चला कि हिंसा में मंत्री के दो समर्थकों और एक ड्राइवर के अलावा एक स्थानीय पत्रकार की मौत हुई है। हैरानी की बात है कि जिस साधना न्यूज चैनल के लिए रमन बतौर स्ट्रिंगर काम करता था, उसने भी अपने पत्रकार को भाजपा कार्यकर्ता बताने पर कोई ऐतराज नहीं किया।
रमन कश्यप के पिता राम आसरे कश्यप बताते हैं कि घटना के करीब 9-10 घंटे बाद रविवार रात करीब तीन बजे उन्हें बेटे की मौत की जानकारी मिली। उसके शरीर पर मारपीट या लाठीडंडे की चोट के निशान नहीं थे बल्कि घसीटने, रगड़ के निशान थे, जो गाड़ी से टक्कर के कारण लगे। पुलिस के रवैये पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि रमन को समय रहते अस्पताल पहुंचाया जाता तो शायद उसकी जान बच सकती थी। रमन की पोस्टमार्टम रिपोर्ट देने में काफी देर की गई। बेटे के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए उन्होंने पुलिस शिकायत भी दर्ज कराई थी, जिसके बाद एफआईआर की कॉपी तक नहीं मिली है। इस बीच, किसान नेता राकेश टिकैत के अलावा कांग्रेस के राहुल और प्रियंका गांधी भी रमन के परिजनों से मिलने उनके घर पहुंचे।
लखीमपुर पहुंचे कई पत्रकारों ने रमन कश्यप के पिता राम आसरे कश्यप से बात की है, जिसमें उन्होंने बेटे की मौत किसानों को कुचलने वाली गाड़ियों की टक्कर से होने की बात कही। पत्रकार मनदीप पुनिया के साथ बातचीत में रमन कश्यप के पिता ने बताया कि जो गाड़ियां किसानों को रौंदते हुए गई थीं, उन्हीं की चपेट में आकर उनका बेटा भी मारा गया। इसके बावजूद रमन को पीट-पीटकर मारने की बातें सोशल मीडिया पर खूब फैलायी जा रही हैं ताकि प्रदर्शनकारी किसानों को मॉब लिंचिंग का गुनहगार ठहराया जा सके।
पत्रकार रमन कश्यप की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए कई पत्रकार संगठनों ने मामले की स्वतंत्र जांच कराने पर जोर दिया है। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने पत्रकार रमन कश्यप की मौत के मामले की अलग से न्यायिक जांच कराने और उनके कैमरे की फुटेज निकालने की मांग की है। गिल्ड की ओर से जारी बयान के मुताबिक,”रमन कश्यप की मौत को लेकर अलग-अलग बातें कही जा रही हैं, जिनमें गोली लगने से मौत का दावा भी शामिल है। लेकिन इतना स्पष्ट है कि जब प्रदर्शनकारी किसानों को गाड़ियों से कुचलने की भयावह घटना हुई, तब वह रिपोर्टिंग कर रहे थे। कश्यप की मौत की वजह जानने के लिए स्वतंत्र जांच जरूरी है।” लखीमपुर में किसानों को कुचले जाने को एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने “आतंकी घटना” करार दिया है।
The Editors Guild of India is shocked by the death of Raman Kashyap, a TV journalist who was reporting on Lakhimpur Kheri’s farmers protest on October 3. pic.twitter.com/UU5SvvoHbE
— Editors Guild of India (@IndEditorsGuild) October 5, 2021
लखीमपुर खीरी जिले में प्रदर्शनकारी किसानों पर पीछे से गाड़ियों चढ़ाने के वीडियो सामने आने के बाद आरोपी मंत्री की बर्खास्तगी और उनके बेटे की गिरफ्तारी की मांग तेज हो गई है। घटना के चार दिन बाद भी किसानों की इनमें से कोई मांग पूरी नहीं हुई है, जबकि किसानों की तरफ से दर्ज करायी गई एफआईआर में मंत्री पर किसानों के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने और उनके बेटे पर किसानों को रौंदकर फायरिंग करते हुए हुए भागने का आरोप लगाया गया है।