उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार भाजपा की जीत की पीछे केंद्र की इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को भी वजह माना जा रहा है। राज्य में चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषणों ने ऑल वेदर रोड को खूब प्रचारित किया था। अब केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ट्विटर पर उत्तराखंड में हाईवे डेवलपमेंट की झलक दिखायी है। गडकरी ने ऑल वेदर रोड के सुरक्षित और दमदार होने का दावा किया है। हालांकि, इन तस्वीरों में दिख रहे पहाड़ों के सीधे खड़े कटाव इस परियोजना को लेकर जतायी जा रही पर्यावरण चिंताओं को पुख्ता करते हैं।
A stronger and safer all weather road from Kaudiyala to Devprayag on NH -7 in the state of Uttarakhand is an example of a state of art infrastructure development.#PragatiKaHighway #GatiShakti pic.twitter.com/xFpYWcn4vR
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) March 18, 2022
शुक्रवार को नितिन गडकरी ने नेशनल हाईवे-7 के कौड़ियाला-देवप्रयाग मार्ग के दो फोटो ट्वीट करते हुए ऑल वेदर रोड को राज्य में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का उदाहरण बताया। पहाड़ को काटकर बनाए गये हाईवे की शानदार तस्वीरें लोगों को खूब पसंद आ रही हैं। इसे पीएम मोदी के विजन से जोड़कर देखा जा रहा है। हाईवे निर्माण को गति देने के लिए नितिन गडकरी की भी प्रशंसा हो रही है, लेकिन पहाड़ के खड़े कटाव की वजह से भूस्खलन का खतरा भी साफ दिखायी दे रहा है।
The proof of the pudding is in the eating.
— Hridayesh Joshi (@hridayeshjoshi) March 18, 2022
Not one newly constructed "all weather road" has stood a single monsoon. Sustainable roads that can be delivered by following the environmental norms not by smartly clicking photos & editing them to make look great. https://t.co/vnWpBCY7bV
मानसून सीजन में उत्तराखंड में चट्टानों के खिसकने और भूस्खलन का खतरा बढ़ जाता है। डबल लेन चारधाम हाईवे के लिए बड़े पैमाने पर पहाड़ों के कटाव और पेड़ों के कटने से यह खतरा बढ़ गया है। इसे लेकर पर्यावरणविद लगातार अपनी चिंताएं जता रहे हैं।
दिसंबर, 2016 में घोषित हुई 889 किलोमीटर की ऑल वेदर रोड परियोजना शुरुआत से ही पर्यावरण की अनदेखी को लेकर विवादों में रही है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा था। लेकिन गत दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने सैन्य जरूरतों को ध्यान में रखते हुए चारधाम परियोजना की सड़कों को 10 मीटर तक चौड़ा करने की अनुमति दे दी थी। तब से परियोजना का काम तेजी से चल रहा है।
This man deserves a Bharat Ratna some day for his single minded focus on improving India's infrastructure. Just like how ppl remeber Atalji for the golden quadrilateral, he will remembered for the overall improvement of transport infra by leaps and bounds. 🙏🏼 https://t.co/m53iabaNF3
— Kumar 🇮🇳 (@mudupalli) March 19, 2022
12 हजार करोड़ रुपये की इस परियोजना के पूरा होने से चारधाम के साथ-साथ सीमावर्ती इलाकों तक पहुंच आसान हो जाएगी। इससे उत्तराखंड में पर्यटन और आर्थिक विकास को बल मिलेगा। कुल 889 किलोमीटर के चारधाम प्रोजेक्ट में से लगभग 724 किलोमीटर की सड़कों का काम पूरा हो चुका है।
पर्यावरण मंजूरी के झंझट से बचने के लिए पूरी परियोजना को 53 हिस्सों में बांटा गया है जिसमें से 38 हिस्सों का काम लगभग पूरा हो चुका है। नितिन गडकरी ने ऑल वेदर रोड की जिन तस्वीरों को ट्वीट किया है, वे देखने में भले ही शानदार लग रही हैं लेकिन इस परियोजना से हिमालय के इको-सिस्टम को होने वाले नुकसान से इंकार नहीं किया जा सकता है।
Remove this hanging block immediately! Steep cut with no slope protection 🤦🏼♂️ #slopestability https://t.co/6FfNNNiZsf pic.twitter.com/nZ2TgET5qa
— Varun Adhikari (@adhikarivarun) March 18, 2022
ऑल वेदर रोड के लिए पहाड़ों में ज्यादा विस्फोट और पेड़ों के अंधाधुंध कटान का पर्यावरणविदों ने काफी विरोध किया था, लेकिन सरकार की इच्छा के सामने ये चिंताएं टिक नहीं पायीं। इस मामले पर गठित हाई पावर कमेटी में भी सड़क की चौड़ाई को लेकर काफी मतभेद थे। समिति के अध्यक्ष पर्यावरणविद रवि चोपड़ा 5.5 मीटर की अपेक्षाकृत कम चौड़ी मगर टिकाऊ सड़क बनाने के पक्ष में थे। लेकिन समिति के ज्यादातर सदस्यों ने 12 मीटर चौड़ी सड़क बनाने की सरकार की मंशा का समर्थन किया।
Is this a joke? https://t.co/FrDcocSSGF
— Kavita Upadhyay (@Upadhyay_Cavita) March 18, 2022
पिछले महीने रवि चोपड़ा ने ऑल वेदर रोड के निर्माण को लेकर आगाह करते हुए हाई पावर कमेटी से इस्तीफा दे दिया था। उनका कहना था कि जिस तरह हिमालय के संवेदनशील इको-सिस्टम की अनदेखी कर पहाड़ों और पेड़ों को काटा जा रहा है वह भीषण तबाही को न्योता देगा। चारधाम हाईवे की तस्वीरों में भी इस चेतावनी की झलक देखी जा सकती है।
A few months are left between this tweet and the rain.
— Trilochan Bhatt (@trilochanbhatt) March 19, 2022
लाजिम है कि हम भी देखेंगे https://t.co/Sr4Fa4WmRd
ऑल वेदर रोड की असली परीक्षा मानसून सीजन में होगी। उत्तराखंड में मानसून के दौरान भूस्खलन की घटनाएं बढ़ जाती हैं। हाल के वर्षों में ऑल वेदर रोड के निर्माण के चलते कई जगह भारी भूस्खलन हुआ। जिस तोताघाटी के हाईवे की तस्वीरें नितिन गडकरी ने शेयर की हैं, वहां पिछले साल पहाड़ का एक हिस्सा टूटकर सड़क पर आ गिरा था। बरसात के दौरान ऑल वेदर रोड पर कई जगह आवाजाही बंद हो गई थी।
ऋषिकेश बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर तोताघाटी के पास सड़क पर आया पहाड़।
— TheKhabarpur (@thekhabarpur) August 10, 2021
#LANDSLIDE #Uttarakhand pic.twitter.com/v4qCaQHmH1

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February 2, 2023 at 5:55 pm
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