संवाद हिंदी: पारंपरिक ज्ञान से कृत्रिम मेधा तक बिना भाषा के समाज का अस्तित्व नहीं होता। भाषा का गठन और प्रसार एक लंबी प्रक्रिया है। ललित मोहन रयालFebruary 19, 2023